प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, "बदल रहा देश, विदेश में भी फैली भारत की सुगंध"
Updated : 2018-01-09 12:26:50

नई दिल्ली (लाइव इंडिया न्यूज नेटवर्क) >>>>>>> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रवासी भारतीय केंद्र में PIO संसदीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “जैसा पहले था, वैसे ही चलता रहेगा, कुछ बदलेगा नहीं”, इस सोच से भारत अब बहुत आगे बढ़ चुका है। भारत के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं। व्यवस्थाओं में हो रहे संपूर्ण परिवर्तन का, एक अपरिवर्तनीय बदलाव का परिणाम आपको हर सेक्टर में नजर आएगा। विदेश की धरती पर भी भारत की सुगंध महसूस की जा रही है।
23 देशों के 124 सांसद और 17 मेयर की उपस्थिति में आयोजित इस सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीयों का भी पूरा महत्व है, आप निवेश के जरिए भी देश की सेवा कर सकते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि सुषमा जी 24*7 भारतीय नागरिकों की मदद करती हैं। PM मोदी बोले कि प्रथम और दोनों विश्वयुद्ध में भारतीय सैनिकों ने योगदान दिया, सयुंक्त राष्ट्र की शांति आर्मी में भी भारतीय सबसे आगे हैं। उन्होंने बताया कि मैं अपने हर विदेशी दौरे पर वहां रहने वाले भारतीयों से जरूर मुलाकात करता हूं। क्योंकि असली एबेंसेडर वहीं हैं।
पीएम ने 2019 में होने वाले कुंभ मेले का भी जिक्र किया, उन्होंने कहा कि यूपी सरकार इसके लिए व्यापक तैयारी कर रही हैं। अगले साल जब आप भारत आएं तो कुंभ मेले का भी दर्शन करें। मोदी ने सभी से आग्रह किया कि अपने देश में इस बात को बताएं।
मोदी ने कहा कि अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए दुनिया की सभी समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए आप के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। 21वीं सदी भारत की है, लेकिन हमारी नज़र किसी की जमीन पर नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने कुछ समय पहले योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका भरपूर समर्थन मिला था। उन्होंने कहा कि जब नेपाल में भूकंप आया, तो भारत ने कदम उठाए और मदद की।
पीएम ने कहा कि आप लोग लंबे समय से अलग-अलग देशों में रह रहे हैं। आपने अनुभव किया होगा कि पिछले तीन-चार वर्षों में भारत के प्रति नजरिया बदल गया है। हम पर फोकस बढ़ रहा है, विश्व का हमारे प्रति नजरिया बदल रहा है, तो इसका मुख्य कारण यही है कि भारत स्वयं बदल रहा है, ट्रांसफॉर्म हो रहा है।
कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि राजनीति की बात करूं तो, मैं देख ही रहा हूं कि कैसे भारतीय मूल की एक Mini World Parliament मेरे सामने उपस्थित है। आज भारतीय मूल के लोग मॉरीशस, पुर्तगाल और आयरलैंड में प्रधानमंत्री हैं। भारतीय मूल के लोग और भी बहुत से देशों में Head of State और Head of Government रह चुके हैं। पिछले सालों में भारत में विदेशी निवेश में काफी इजाफा हुआ है। पिछले तीन-चार सालों में दुनिया का फोकस दुनिया पर बढ़ा है।
सांसदों से पीएम ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं कि भारतीय मूल के प्रवासी जहां भी गए, वहीं पूरी तरह Integrate हो कर, उस जगह को अपना घर बना लिया। उन्होंने जहां एक तरफ खुद में भारतीयता को जीवित रखा, तो दूसरी तरफ वहां की भाषा, वहां के खान-पान, वहां की वेश-भूषा में भी पूरी तरह घुल-मिल गए।
पीएम ने कहा कि भारत से कुछ लोगों को किसी कारणवश जाना पड़ा या उनको बहला-फुसलाकर ले जाया गया। लेकिन वो जहां भी गए अपने अंदर भारतीयता जीवित रखा। ये लोग भले ही यहां से चले गए, लेकिन अपनी आत्मा का एक अंश इसी मिट्टी पर छोड़कर गए थे। आज आपको यहां देखकर आपके पूर्वज यहां देखकर सर्वाधिक खुश हुए होंगे।
उन्होंने कहा कि आपको यहां देखकर आपके पूर्वजों को कितनी प्रसन्नता हो रही होगी, इसका अंदाजा हम सभी लगा सकते हैं। वो जहां भी होंगे, आपको यहां देखकर बहुत खुश होंगे। सैकड़ों वर्षों के कालखंड में भारत से जो भी लोग बाहर गए, भारत उनके मन से कभी बाहर नहीं निकला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आवश्यकताओं, शक्तियों और विशेषताओं को विश्व तक पहुंचाने की जितनी क्षमता आपमें हैं, और किसी में नहीं है। दुनिया के अस्थिरता से भरे वातावरण में भारतीय सभ्यता और संस्कृति के मूल्य, पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर सकते हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 2003 से प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा रहा है, अटल जी की सरकार से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। महात्मा गांधी 9 जनवरी को अफ्रीका से वापस लौटे थे, इसलिए इस दिन को चुना गया था। 2003 से आज तक ऐसा नहीं हुआ कि जिसमें भारतीय मूल के जनप्रतिनिधियों को बुलाया हो, ये आइडिया पीएम मोदी का था। जिसके बाद इसी साल हमने इस कार्यक्रम का आयोजन किया।
सुषमा ने कहा कि न्यूयॉर्क का मौसम ठीक नहीं था, जिसके कारण कुछ सांसदों के ना आने का डर था। फिर भी सभी लोग उपस्थित हैं, ये काफी खुशी की बात है। सुषमा ने इस दौरान 'गिरमिटिया' होने की कहानी बताई और कहा कि इसी कारण कार्यक्रम का थीम 'संघर्ष से संसद' तक का सफर रखा है। सुषमा ने इस दौरान कार्यक्रम की थीम और कार्यक्रम की जानकारी दी।
गौरतलब है कि हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है, इसका मकसद विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों को सम्मानित करना होता है। बीते कई सालों से सरकार प्रवासी भारतीय दिवस मना रही है लेकिन यह पहली बार है कि PIO-पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।




































































































































































































































































































































































































































































































